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ESIC पैंशन योजना: कोविड-19 से मरने वाले श्रमिक परिवारों की मदद करें जागरूकता अभियान का हिस्सा बनें!

Writer's picture: Safe in IndiaSafe in India

प्रिय नियोक्ताओं और भारतीय श्रमिकों का हित चाहने वाले दोस्तों,


ESIC की नई योजना “कोविड पैंशन रिलीफ स्कीम” (CPRS) उन श्रमिकों के परिवारों को आजीवन पैंशन प्रदान करती है जिनकी कोविड-19 से मृत्यु हो गई. पैंशन राशि न्यूनतम 1800 रुपये मासिक से मृतक श्रमिक के औसत दैनिक वेतन के 90% तक हो सकती है. योजना 24 मार्च 2020 से प्रभावी मानी जायेगी और दो वर्षों तक लागू रहेगी. योजना संबंधी ESIC का पूर्ण सर्कुलर यहाँ है



स्पष्ट है कि यह योजना कोविड-19 से अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों की ज़िंदगी बदलने की काबिलियत रखती है. लेकिन अब तक यह योजना मृतक श्रमिकों के परिवारों का ध्यान आकृष्ट कर पाने में विफल रही है. हमारी जानकारी के अनुसार ESIC दिल्ली के पास अब तक 13 ESIC शाखा कार्यालयों से केवल 120 दावे प्राप्त हुए हैं. ESIC के राजीव चौक गुड़गाँव कार्यालय में करीब दस लाख श्रमिक पंजीकृत हैं लेकिन अब तक यहाँ केवल दस आवेदन प्राप्त हुए हैं.




आवेदकों की बेहद कम संख्या के कई कारण हो सकते हैं, पर योजना अभी अपने शुरुआती दौर में है. जागरूकता का अभाव (यह एक सामान्य बात है; हमारे सर्वेक्षण में 108 श्रमिकों में से 86 प्रतिशत योजना की जानकारी नहीं रखते; या ESIC पंजीकृत श्रमिकों में मृत्यु दर कम है). संभावना इस बात की भी है कि श्रमिक परिवार कोविड संबंधी मृत्यु के बारे में बात ही नहीं करना चाहते; सर्वेक्षण में 108 श्रमिकों में 97% ने कहा कि उनके परिचितों में कोविड से कोई मृत्यु नहीं हुई; संतप्त परिवार सुदूर गाँवों में हैं और ESIC से संपर्क में नहीं हैं; या कागजी कार्यवाही उनके लिये बहुत मुश्किल है. (सुनने में ये भी आया कि बहुत सारे मृत्यु प्रमाण पत्रों में मौत की वजह कोविड-19 न लिखे होना भी एक कारण हो सकता है. यह भी संभव है कि कोविड-19 से मरने वाले बहुत से श्रमिकों को ESIC में पंजीकृत होना चाहिये था मगर वे थे नहीं (पिछले चार वर्षों में SII ने जिन श्रमिकों की मदद की है, उनमें से 65% को उनके ESIC कार्ड दुर्घटना होने के बाद ही प्राप्त हुए).


योजना में सुधार करने की ज़रूरत भी ज़रूर होगी लेकिन ये सुधार क्या होने चाहिये, ये जानने के लिये हमें आवेदकों की ज़रूरत है. योजना की प्रक्रिया में निश्चित ही सुधार करने की आवश्यकता है. हमने पूर्व में कई ESIC योजनाओं की प्रक्रिया सुधारने में मदद की है, उदाहरण के लिये, इस पोस्ट का बिंदु 4. लेकिन प्रक्रिया के दौरान होने वाले अनुभवों से सीखने के लिये बड़ी संख्या में आवेदकों की ज़रूरत होती है.


आप निम्न तरीकों से श्रमिकों की मदद करने में हमारी मदद कर सकते हैं :


1. कृपया अपने परिचित श्रमिकों में, मज़दूर संघों, श्रमिक समुदायों / गाँवों और उनका मार्गदर्शन करने वालों जैसे सरपंचों, आशा और आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में इस संदेश का प्रचार करें


श्रमिक ESIC हैल्पलाइन 1800112526 पर फोन कर सकते हैं, या हमें 09871515194 पर SMS / WhatsApp कर सकते हैं, या team@safeinindia.org पर ईमेल कर सकते हैं. हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे.



श्रमिक/ अन्य लोग नवीनतम जानकारियाँ पाने के लिये या ज़रूरत पड़ने पर हमें संपर्क करने के लिये यहाँ हमारे हिंदी फेसबुक पेज को फौलो कर सकते हैं.


2. कृपया यह संदेश ज़्यादा से ज़्यादा उन व्यवसायों (कारोबारों) तक पहुँचायें जिनमें दस से ज़्यादा लोग काम करते हैं (नियमानुसार इन्हें ESIC के साथ पंजीकृत होना चाहिये). उनसे इसका प्रचार अपने कर्मचारियों में करने का अनुरोध करें.


3. आपके सुझाव हमें इस संदेश या योजना को बेहतर बनाने में मदद करेंगे. हमारा उद्देश्य सभी सुझाव ESIC को देकर भारतीय श्रमिक समुदाय के लिये इस योजना को ज़्यादा कामयाब बनाना है.


सेफ इन इंडिया श्रमिकों और ESIC को निःशुल्क सेवायें प्रदान करता है. सेफ इन इंडिया ने अब तक तीन हज़ार से ज़्यादा श्रमिकों को उनकी ESIC चिकित्सा सेवा और हितलाभ पाने में मदद की है, और इस अनुभव से ESIC को उनकी व्यवस्था में सुधार करने में मदद की है. अपने प्रयासों और सेवाओं के लिये SII श्रमिकों, ESIC या किसी अन्य से किसी तरह का कोई भुगतान नहीं लेती. SII को श्रमिकों की स्थितियाँ बेहतर बनाने का जुनून है. हमारे समर्थक हमेशा हमारे साथ तत्परता से खड़े हैं, जिनमें IIM अहमदाबाद 91 बैच, IIT रुड़की 88 बैच, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, लाल फैमिली फाउंडेशन भी शामिल हैं.


हमें आपके समर्थन और सुझावों का इंतज़ार रहेगा.


अपना ध्यान रखें और सुरक्षित रहें.



कृपया अपना योगदान यहाँ करें-


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